BJP's BS Yeddyurappa will have to prove majority in the assembly by July 31.
BS Yeddyurappa,BJP: I just met the Governor, I will take oath as Chief Minister today at 6 pm. #Karnataka
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Regional Headlines | 27-07-2019
बेंगलुरू, एजेंसी।
New government in Karnataka भाजपा नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा (BS Yeddyurappa) ने शुक्रवार को राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करके सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने कहा कि मैं अभी अभी राज्यपाल से मिलकर आ रहा हूं। मैं आज शाम छह बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लूंगा। येद्दयुरप्पा को 31 जुलाई तक विधानसभा में बहुमत सिद्ध करना होगा।
बता दें कि कर्नाटक के भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला और राज्य में आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक के दो निर्दलीय विधायकों आर. शंकर और एच. नागेश को उनकी याचिका वापस लेने की मंजूरी दे दी। याचिकाओं में कुमारस्वामी सरकार द्वारा पेश विश्वास मत पर ‘तत्काल’ शक्ति परीक्षण कराने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने गुरुवार को कांग्रेस के दो बागी विधायकों रमेश जर्किहोली व महेश कुमाताहल्ली और एक निर्दलीय विधायक आर. शंकर को तत्काल प्रभाव से अयोग्य करार दे दिया। तीनों विधायक विधानसभा के शेष कार्यकाल यानी 2023 तक सदन की सदस्यता के अयोग्य रहेंगे। स्पीकर ने कहा कि वह शेष 14 मामलों में भी दो दिनों में फैसला ले लेंगे।
स्पीकर ने कहा कि तीनों सदस्यों ने स्वेच्छा से इस्तीफे नहीं दिए थे। बागी विधायकों ने संविधान की 10वीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के प्रावधानों का उल्लंघन किया है और इसीलिए उन्हें अयोग्य ठहराया गया है।’ आर. शंकर के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्दरमैया ने उन्हें बताया था कि शंकर की पार्टी केपीजेपी का कांग्रेस में विलय हो गया था और उसके बाद ही उन्हें मंत्री बनाया गया था। लिहाजा वह कांग्रेस के निर्वाचित सदस्य थे।
इस बीच, राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि वर्तमान राजनीतिक हालात में कोई भी स्थिर सरकार नहीं दे सकता। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्दरमैया ने मीडिया में आई उन खबरों को खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया है कि कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को अस्थिर करने के लिए उन्होंने ही बागी विधायकों को इस्तीफा देने के लिए उकसाया था।