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    नई दिल्‍ली। 

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दशकों पुराने राम जन्‍मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में उत्‍तर प्रदेश सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड समेत तमाम मुस्लिम पक्षों को लिखित नोट दायर करने की अनुमति प्रदान की।

    मुस्लिम पक्षों के वकील ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाले तीन सदस्‍यीय जजों के बेंच से आग्रह किया कि उन्‍हें लिखित नोट रिकार्ड कराने की अनुमति दी जाए।

    40 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद 16 अक्‍टूबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और हिंदू व मुस्लिम पक्षों को वैकल्पिक राहत के लिए लिखित नोट दाखिल करने के लिए तीन दिनों की अवधि दी थी। मामले में मुस्लिम पक्षों के वकील ने कहा कि विभिन्‍न पार्टियां और शीर्ष कोर्ट रजिस्‍ट्री ने सीलबंद लिफाफे में नोट को लेकर आपत्ति जताई है।

     

     

     

     

     

     

     

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