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Big Breaking | 21-10-2019
नई दिल्ली।
कमलेश तिवारी हत्याकांड में अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीएफ को कई कड़ियां मिलती जा रही जिससे हत्यारों अशफाक और मोइनुद्दीन तक पहुंचना आसान हो रहा है। अब पुलिस ने दोनों शूटरों पर ढाई ढाई लाख का इनाम भी घोषित कर लिया है। लेकिन इस हत्याकांड में अब तक सबसे बड़ा सवाल जिस पर पुलिस अफसरों को भी हैरानी है वह यह है कि सूरत से कमलेश की हत्या करने आए इन हत्यारों ने कहीं भी अपनी पहचान छिपाने की कोशिश आखिर क्यों नहीं की? कानपुर में सिम कार्ड खरीदा तो असली नाम और आईडी से। हत्या के समय भी सूरत से खरीदा मिठाई का डिब्बा बिल पर्ची के साथ ले गए। इसी तरह होटल खालसा इन में रुके तो वहां भी दोनों आरोपियों ने अपने असली आधार कार्ड को आईडी के तौर दिया। वह होटल से लेकर खुर्शेदबाग की गलियों में गए। 22 फुटेज उनके मिले। एक भी फुटेज ऐसा नहीं निकला जिसमें अशफाक और मोइनुद्दीन ने चेहरा छिपाया हो।
शाहजहांपुर में दिखे हत्यारे :
पता चला है कि हत्यारे नेपाल भागना चाहते थे, लेकिन कड़ी चौकसी के चलते उन्हें वहां से वापस आना पड़ा। पलिया में कमलेश के हत्यारों ने 5 हजार रुपए पर एक इनोवा बुक की और उससे वह रात करीब 12 बजे शाहजहांपुर पहुंचे। रेलवे स्टेशन के पूछताछ काउंटर पर जाकर उन्होंने ट्रेन के बारे में पता किया। दोनों ने सिगरेट पी, इसके बाद इनोवा गाड़ी छोड़ दी। दोनों हत्यारे पैदल ही स्टेशन रोड से अशफाकनगर पुलिस चौकी की ओर जाते हुए सीसीटीवी में कैद हुए हैं। उनके पीछे लगी एसटीएफ भी कुछ ही देर के बाद शाहजहापुर पहुंच गई। इनोवा के ड्राइवर को हिरासत में ले लिया और उससे कड़ी पूछताछ की। इनोवा चालक ने बताया कि उसके मालिक पलिया में रहते हैं और मालिक के रिश्तेदार गुजरात में रहते हैं। गुजरात से ही फोन आने पर 5 हजार रुपए किराए पर मालिक ने कार ले जाने के लिए कहा था, बाकी उसे कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने मिलकर आसपास के होटल, मदरसे व अन्य संभावित स्थानों पर दबिश देनी शुरू कर दी है, हालांकि अभी तक कमलेश तिवारी के हत्यारों का पता नहीं लग सका है।
कानपुर : रेल बाजार से खरीदा था मोबाइल का सिम
कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों ने कानपुर के रेल बाजार से सिम खरीदा था। गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ और कमलेश तिवारी को किए गए फोन के नंबर की जांच के दौरान पता चला कि सिम कानपुर से खरीदा गया था। इस सूचना के बाद कानपुर एसटीएफ भी सक्रिय हुई। रविवार को पुलिस ने रेल बाजार के उस मोबाइल स्टोर को खोज निकाला जहां से सिम जारी किया गया था।
मुरादाबाद में हत्यारों को मदद भी मिली
एक पुलिस अधिकारी ने यह भी दावा किया है कि शूटरों को जब लगा कि वह पकड़े जा सकते हैं, तो उन्होंने अपने एक परिचित को सम्पर्क किया था। इस परिचित का एक काल के बाद ही मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। इस कॉल का पता लगने के बाद पुलिस अंदेशा जता रही है कि हत्यारों को मुरादाबाद में मदद उपलब्ध कराई गई।
एटीएस टीम का पीलीभीत में छापा
पीलीभीत के नौगवां और पूरनपुर के नया गाँव में एटीएस ने छापेमारी की। एक संदिग्ध फिरोज पुत्र फ़ियाज को लिया हिरासत में लेकर टीम ले गई बरेली पहुंची है।