Breaking News
देहरादून।
थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि सेना सीमांत क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए हरसंभव सहयोग करेगी। उन्होंने उच्च हिमालय की घाटियों को फलपट्टी के तौर पर विकसित करने का सुझाव दिया और कहा कि इस बारे में वो मुख्यमंत्री समेत जिम्मेदार लोगों से बातचीत करेंगे। गुरुवार को चमोली के चीन सीमा से लगे मलारी गांव पहुंचे जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सीमांत के ग्रामीणों को अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमारे दोस्ताना संबंध हैं। इसके साथ ही भारतीय सेना सीमांत चौकियों की सुरक्षा को लेकर चौकस भी है।
मलारी गांव पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने ढोल-दमाऊं के साथ जनरल बिपिन रावत का स्वागत किया। रावत ने लोगों के साथ गर्मजोशी से मुलाकात की और अखरोट के पौधे भी लगाए। सेना के जवान भी पौधरोपण में शामिल हुए। इसके बाद रावत ने सीमा पर उत्कृष्ट कार्य पर वीर सैनिकों को सम्मानित किया। मलारी की महिलाओं ने वाहन सुविधा और दूरसंचार सेवा उपलब्ध कराने की मांग की। इस पर जनरल रावत ने कहा कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री से इस बारे में बात करेंगे। उन्होंने कहा कि सेना अपने आसपास के गांवों में पौधरोपण का काम कर रही है। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में अखरोट के 50,000 पौधे लगाए जाएंगे। इससे ग्रामीणों को आर्थिक लाभ के साथ पलायन रोकने में मदद मिलेगी। ग्रामीणों ने चमोली में सेना भर्ती केंद्र का आग्रह किया। इस पर रावत ने कहा कि इसका भी प्रयास किया जाएगा।