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उत्‍तरकाशी। 

पर्वतारोहण से जुड़े एडवेंचर स्पोटर्स ओलंपिक में शामिल होने के बाद उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) स्पोटर्स क्लाइंबिंग का गुरुकुल बनने जा रहा है। यहां देश का पहला इंडोर स्पोटर्स क्लाइंबिंग सेंटर तैयार हो रहा है। इसमें छह माह का समय लगेगा। अंतरराष्ट्रीय स्पोटर्स क्लाइंबिंग के मानकों पर तैयार हो रहे इस सेंटर में न सिर्फ स्पोटर्स क्लाइंबिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाएं भी आयोजित होंगी।

भारतीय एडवेंचर स्पोटर्स क्लाइंबिंग फेडरेशन के अध्यक्ष ब्रिगेडियर (रि.) एमपी यादव ने बताया कि पर्वतारोहण से जुड़ा एडवेंचर स्पोटर्स अब रेगुलर स्पोटर्स में आ गया है। इसलिए एडवेंचर स्पोटर्स के क्षेत्र में निम बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। निम के ज्ञान हॉल में देश का पहला स्पोटर्स क्लाइंबिंग सेंटर संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट के निर्देशन में तैयार हो रहा है। इसके बाद राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय एडवेंचर स्पोटर्स निम में ही हो सकेंगे। इसके साथ ही भारत की जो एडवेंचर स्पोटर्स टीम तैयार होगी, वह भी यहीं प्रशिक्षण लेगी। 

निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि पर्वतारोहण से जुड़े एडवेंचर स्पोटर्स में अब रोजगार, मेडल व अवार्ड भी जुड़ गए हैं। इसलिए अब पर्वतारोहण केवल शौकिया खेल नहीं रहा। कहा कि वे निम को एक एडवेंचर स्पोटर्स का केंद्र बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।

भारतीय टीम होगी तैयार 

भारतीय एडवेंचर स्पोटर्स क्लाइंबिंग फेडरेशन के अध्यक्ष ब्रिगेडियर (रि.) एमपी यादव ने बताया कि 2020 के ओलंपिक के लिए पर्वतारोहण एडवेंचर से जुड़े सात खिलाड़ियों का चयन किया गया है, लेकिन, अभी इन खिलाड़ियों में ओलंपिक के स्तर का सुधार होना बाकी है। इंडोर एडवेंचर स्पोटर्स सेंटर बनने के बाद यह समस्या हल हो जाएगी। बताया कि टीम में 20 लड़के व 20 लड़कियां शामिल होंगे। जो 2024 में फ्रांस में होने वाले ओलंपिक में प्रतिभाग करेंगे।  

निम के लिए उपलब्धियों का वर्ष होगा 2020

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) अपना 55वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। बीते 55 सालों में देश-दुनिया को दर्जनों नामचीन पर्वतारोही देने के साथ ही निम ने कई उपलब्धियां अपने नाम की हैं। आपदा के दौरान रेस्क्यू कार्य और केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य भी निम की बड़ी उपलब्धियों में शामिल हैं। अब 2020 में संस्थान के नाम कई नई उपलब्धियां जुड़ने जा रही हैं। इनमें अप्रैल-मई 2020 में प्रस्तावित एवरेस्ट मैसिफ अभियान भी शामिल है। यह अपनी तरह का विश्व का पहला अभियान है।

 देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की स्मृति में 14 नवंबर 1964 को उत्तरकाशी में निम की स्थापना की गई थी। बीते 55 सालों के इतिहास को देखें तो संस्थान ने इन वर्षों में दर्जनों उपलब्धियां हासिल की हैं। संस्थान में चलने वाले एडवेंचर, बेसिक, एडवांस, सर्च एंड रेस्क्यू और मैथड ऑफ इंस्ट्रक्शन कोर्स सहित कई स्पेशल, रॉक क्लाइंबिंग एवं स्कीइंग कोर्स में करीब 31 हजार देशी-विदेशी पर्वतारोही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। अब वर्ष 2020 में निम के नेतृत्व में चलने वाले एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत भारत का पर्वतारोही दल एवरेस्ट शृंखला की चार चोटियों का एक साथ आरोहण करेगा। विश्व में अपनी तरह का यह पहला अभियान होगा, जो युवा कल्याण एवं खेल मंत्रालय और इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आइएमएफ) की पहल पर आयोजित रहा है। 

इसके अलावा संस्थान आइएफएफ के सहयोग से उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्वतारोहियों की मदद के लिए चिकित्सकों को प्रशिक्षण भी देगा। इस प्रशिक्षण में 50 चिकित्सक एवं चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसका उद्देश्य उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्वतारोही व ट्रैकरों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के साथ ही पर्वतारोहियों की मौत की घटनाओं को रोकना भी है। अभियान दिसंबर में प्रस्तावित है। इसके अलावा जनवरी 2020 में निम का म्यूजियम भी तैयार हो रहा है। 

पूर्व प्रधानाचार्य भी आए स्थापना दिवस मनाने

स्थापना दिवस मनाने के लिए निम के पूर्व प्रधानाचार्य भी उत्तरकाशी पहुंचे हैं। इनमें ब्रिगेडियर एमएम मसूर, ब्रिगेडियर (रि.) एमपी यादव, जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड विंटर स्पोटर्स (जिम) के प्रधानाचार्य कर्नल आइएस थापा शामिल हैं। इन अधिकारियों ने निम का भ्रमण किया और पिछले वर्षों में हुए बदलावों को देखा। इस दौरान प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने उनसे निम के आगामी क्रियाकलापों के बारे में जानकारी साझा कीं।  

पतंजलि के साथ निम का उच्च हिमालय अभियान

पतंजलि के साथ नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी उच्च हिमालयी क्षेत्र में एक अभियान चलाने जा रहा है। यह अभियान हिमालय की उन घाटियों और चोटियों पर होगा, जहां अभी तक कोई पर्वतारोहण अभियान नहीं चला है। इसके तहत उच्च हिमालयी क्षेत्र की वनस्पतियों पर शोध के अलावा वहां जीव-जंतुओं के बारे में भी अध्ययन होगा। इसके लिए निम और पतंजलि के बीच जल्द एक करार होने जा रहा है।

 पर्वतारोहण के क्षेत्र में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की एक अलग पहचान है। पर्वतारोहण के साथ सर्च एंड रेस्क्यू और केदारनाथ पुनर्निर्माण में निम की शानदार भूमिका रही है। लेकिन, अब निम मार्च 2020 के बाद पतंजलि के साथ हिमालयी वनस्पति शोध अभियान चलाने जा रहा है। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि हिमालयी वनस्पति शोध अभियान के तहत निम और पतंजलि मिलकर अभियान चलाएंगे। इसके लिए योग गुरु बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण से उनकी बातचीत हो चुकी है। इस संयुक्त अभियान में 15 से 20 लोग शामिल होंगे, जिनमें अधिकांश वनस्पति और जीव-जंतु विशेषज्ञ शामिल होंगे।

बताया कि अभियान गंगोत्री हिमालय की उन घाटियों और चोटियों में चलाया जाएगा, जहां अभी तक कोई भी पर्वतारोहण अभियान नहीं चला। इसके अलावा उस क्षेत्र में मौजूद वनस्पतियों पर शोध करने के साथ ही वहां मौजूद जीव-जंतुओं का भी अध्ययन किया जाएगा। कर्नल बिष्ट ने बताया कि आचार्य बालकृष्ण ने स्वयं भी इस अभियान में शामिल होने की बात कही है।

 

 

 

 

 

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