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    नई दिल्ली। 

    झारखंड-छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे बूढ़ा पहाड़ पर गुरूवार को माओवादियों और पुलिस के बीच जमकर मुठभेड़ हुई. क्रॉस फायर और लैंड माइंस विस्फोट में सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस के सात जवान घायल हो गए. पांच जवान सीआरपीएफ के और दो झारखंड पुलिस के हैं. सभी को इलाज के लिए रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

    15 दिन पहले झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ ने मिलकर माओवादियों के खिलाफ अभियान शुरू किया था. इस बीच दो बार दोनों ओर से मुठभेड़ हो चुकी है. आईजी अभियान आरके मल्लिक ने बताया कि घायलों का इलाज करवाया जा रहा है. पुलिस अभी अभियान से पीछे नहीं हटेगी.

    ANI @ANI

    Six security personnel injured in IED blast & exchange of fire with Naxals in a forest in Balrampur dsitrict near Jharkhand-Chhattisgarh border

    6:23 PM - Nov 16, 2017

    हालांकि ये जानकारी नहीं मिल पाई है कि माओवादियों के तरफ कितना नुकसान हुआ है. झारखंड में माओवादियों का ये एकमात्र गढ़ है जहां पुलिस अभी तक पहुंच नहीं पाई है. 15 नवंबर को राज्य स्थापना के दिन डीजीपी डीके पांडेय ने कहा था कि नवंबर के बाद पुलिस को आदेश है कि वह माओवादियों को देखते ही गोली मार दें.

    18h

    ANI  @ANI

    Six security personnel injured in IED blast & exchange of fire with Naxals in a forest in Balrampur dsitrict near Jharkhand-Chhattisgarh border

    ANI @ANI

    #UPDATE Total 7 security personnel injured (5 of CRPF, 2 of Jharkhand Police) in IED blast at Pipardhaba village of Chattisgarh's Balrampur; evacuated to Ranchi for treatment.

    7:08 PM - Nov 16, 2017

    एक तरफ पुलिसकर्मी हथियार के साथ माओवादियों से लड़ रहे हैं, वहीं इस इलाके में कैंप कर रहे पुलिकर्मी बीमार भी रहे हैं. अधिकतर मलेरिया के शिकार हो रहे हैं. झारखंड के एक स्थानीय अखबार के रिपोर्ट के मुताबिक हाल के दिनों में 15 से अधिक जवानों को बूढ़ा पहाड़ इलाके वापस लौटना पड़ा है.

    गुरूवार को भी बीमार जवानों को लेकर पुलिस का एक दल अस्पताल के लिए निकला था. रास्ते में घात लगाए माओवादियों ने लैंडमाइंस विस्फोट कर दिया. इसमें सात जवान घायल हो गए. दोनों ओर से काफी देर तक फायरिंग होती रही. इसके बाद माओवादी वहां से भाग निकले.

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