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Regional Headlines | 22-11-2017
नई दिल्ली।
आने वाले समय में हो सकता है कि झंडेवावान और करोल बाग के बीच स्थित विशालकाय हनुमान की मूर्ति कुछ समय बाद आपको न दिखे. दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को एमसीडी और सिविक एजेंसियों से हनुमान की मूर्ति को एयरलिफ्ट करने जैसे संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया है. इलाके में लगातार बढ़ती भीड़ और अतिक्रमण की समस्या से निपटने के लिए कोर्ट ने एक पब्लिक पिटीशन पर सुनवाई करते हुए यह बात कही।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि करोल बाग और झंडेवालान के बीच करीब डेढ़ दशक पुरानी 108 फुट ऊंची हनुमान की मूर्ति को एयरलिफ्ट किया जा सकता है या नहीं. इसपर सिविक एजेंसिया और एमसीडी अपनी रिपोर्ट दे. इस बारे में उपराज्यपाल से भी मीटिंग करें.
हाईकोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच ने अमेरिका का हवाला देते हुए कहा कि वहां कई जगहों पर ऊंची-ऊंची बिल्डिंगें एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट की जाती हैं. क्या हम भी ऐसा कर सकते हैं.
हाईकोर्ट ने सिविक एजेंसियों को फटकार लगाते हुए पूछा कि सिविक एजेंसी दिल्ली की कोई एक जगह बता दे, जहां पर अतिक्रमण ना हुआ हो और जहां ट्रैफिक नियमों का पालन होता हो.
यह मुद्दा तब सामने आया, जब सिविक एजेंसियों ने हाईकोर्ट से संबंधित इलाके के एक थाने से जुड़े आदेश में संशोधन की मांग की. इस मामले में 15 नवंबर तक अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था लेकिन हाईकोर्ट ने इसमें बदलाव करते हुए सुनवाई की अगली तारीफ 24 नवंबर तय की है.