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Regional Headlines | 05-12-2017
नई दिल्ली।
जीवित बच्चे को मृत बताने वाले दो डॉक्टरों को मैक्स हेल्थकेयर ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. प्रबंधन ने उनकी सेवाएं समाप्त करने का फैसला किया है. ये निर्णय रविवार की रात घटना के संबंध में मैक्स हेल्थकेयर के अधिकारियों की एक बैठक में किया गया.
एक बयान में मैक्स हेल्थकेयर ने कहा ‘विशेषज्ञ समूह की ओर से जांच जारी है. हमने समय से पहले जुड़वां बच्चों के जन्म के मामले में दो डॉक्टरों, ए पी मेहता और विशाल गुप्ता की सेवाएं समाप्त करने का फैसला किया है.’
बयान में कहा गया है ‘ये कड़ी कार्रवाई विशेषज्ञ समूह के साथ हमारी शुरुआती चर्चा के बाद की गई है.’
बच्चे को नर्सरी में रखने के लिए मांगे थे 50 लाख
गौरतलब है कि बीते 30 नवंबर की सुबह मैक्स अस्पताल में एक महिला ने जुड़वां बच्चों (एक लड़का और एक लड़की) को जन्म दिया था. बच्ची मृत ही पैदा हुई थी.
अस्पताल ने बच्चे के माता-पिता को पहले बताया कि दोनों बच्चे मृत पैदा हुए हैं और उन्हें दोनों बच्चे एक पोलिथिन बैग में सौंप दिए गए. लेकिन उनके अंतिम संस्कार से ठीक पहले परिवार ने पाया कि एक बच्चा जीवित है.
दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल ने बाद में जीवित बच्चे को नर्सरी में रखने के लिए 50 लाख रुपए मांगे. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराई थी.
एक मरा और एक जिंदा बच्चा हुआ था पैदा
शिकायत करनेवाले आशीष ने एफआईआर में बताया कि उसकी पत्नी ने मात्र छह माह के गर्भ के बाद ही जुड़वां बच्चों को जन्म दे दिया था. जिसमें बच्ची की मौत पैदा होते ही हुई और दूसरा बच्चा जीवित था.
एक घंटे बाद ही अस्पताल ने दूसरे बच्चे की भी मौत बता दी. दोनों बच्चों की डेड बॉडी पैक कर उस पर नंबर लगाकर उन्हें सौंप दिया.
समय से पहले जन्म लेने के कारण वह कमजोर था, जिसकी वजह से उसे नर्सरी में रखना जरूरी था, ऐसे में अस्पताल ने बच्चे को खतरे से बाहर आने तक के समय के लिए नर्सरी में रखने के लिए उनसे 50 लाख रुपए मांगे थे.