नई दिल्ली, एजेंसियां।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ले ली। साथ में NCP के अजीत पवार ने भी डिप्टी सीएम की शपथ ली। यह महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे चौंकाने वाली तस्वीर साबित हुई। कांग्रेस-NCP-शिवसेना के बीच बनते गठबंधन के बीच यह एक बहुत बड़ी खबर थी। हालांकि, इस दौरान महाराष्ट्र में बनी फडणवीस सरकार पर NCP प्रमुख शरद पवार ने एक बयान देते हुए कहा कि वे अजीत पवार के साथ नहीं हैं। सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजीत पवार का निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय है न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का। इस बीच एनसीपी और शिवसेना ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।
NCP प्रमुख शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि भाजपा सरकार के साथ सिर्फ अजित पवार गए हैं, एनसीपी नहीं। सुबह 6:30 बजे मुझे जानकारी मिली कि राज्यपाल अभी राजभवन में ही हैं और पता चला कि अजित पवार उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना अब भी सरकार बनाएगी। अब भी विधायकों की पर्याप्त संख्या है हमारे पास। उन्होंने कहा कि एनसीपी विधायक दल के नेता के रूप में अजित पवार के पास सभी पार्टी विधायकों का हस्ताक्षर था, लेकिन इतना तय है कि देवेंद्र फडणवीस सरकार अपना बहुमत साबित नहीं कर पाएगी।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकर ने कहा कि ये सब जो खेल हो रहा है, उस पर पूरे देश की नजर है। उन्होंने कहा, हम पर इल्जाम लगाया जा रहा है, लेकिन शिवसेना जो भी करती है डंके की चोट पर करती है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की भावना पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' हुई है।
अजीत पवार के फैसले का समर्थन नहीं करते
शरद पवार ने कहा शनिवार सुबह कहा था कि हम अजीत पवार के इस फैसले का समर्थन नहीं करते हैं। अजित पवार पर वरिष्ठ राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि यह राकांपा का निर्णय नहीं है और इसमें शरद पवार का भी कोई साथ नहीं है। हालांकि, पहले सूत्रों के हवाले से खबर मिली थी कि शरद पवार भी देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार के गठन के लिए हुई चर्चा का हिस्सा थे और उन्होंने ही महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में अजीत पवार के नाम पर सहमति दी थी। लेकिन अब खुद शरद पवार ने सामने आकर इसे खारिज कर दिया है।
बड़ी बात यह भी है कि शनिवार को सुबह 5.47 बजे राष्ट्रपति शासन को हटा दिया गया था। इसके बाद भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ ली और NCP के अजीत पवार ने भी डिप्टी सीएम की शपथ ली। महाराष्ट्र में कांग्रेस-NCP और शिवसेना की नई सरकार बनने के संकेत देते हुए शुक्रवार को ही एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नाम पर हामी भर दी थी, लेकिन अब NCP प्रमुख शरद पवार के बयान से साफ है कि अजीत पवार के निर्णय से उनका कोई वास्ता नहीं हैं।
ठाकरे ने कहा था- शनिवार को करेंगे पत्रकारों से बात
कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना को मिलाकर बने नए गठबंधन 'महाविकास आघाड़ी' के शीर्ष नेताओं की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि सरकार का नेतृत्व शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के हाथ में रहने पर सहमति बन गई है। अन्य सभी मुद्दों पर भी तीनों दलों के बीच चर्चा जारी है। बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने अपने नाम पर बनी सहमति पर कोई टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि शनिवार को पत्रकारों के सभी प्रश्नों के उत्तर एक साथ मिल जाएंगे।
विधानसभा चुनाव के बाद किसी भी दल द्वारा बहुमत के लिए आवश्यक 145 विधायकों की संख्या हासिल नहीं कर पाने के कारण महाराष्ट्र में 12 नवंबर को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी थी, लेकिन उसके बाद से ही कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना एक नया गठबंधन बनाकर सरकार गठन की तैयारियों में लगे थे। हालांकि, शनिवार को जो तस्वीर साफ हुई है, उसे देख सब हैरान है। एक तरफ जहां शुक्रवार को NCP प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के सीएम पद के लिए उद्धव ठाकरे का नाम आगे किया था, अब वही NCP के शरद पवार ने खुद को बिना पार्टी प्रमुख को जानकारी दिए भाजपा के साथ डट गए हैं।
भाजपा को मिली थीं सबसे ज्यादा सीटें
मालूम हो कि पिछला विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र में दो गठबंधनों के बीच हुआ था। एक गठबंधन के मुख्य दल भाजपा और शिवसेना थे तो दूसरे गठबंधन के मुख्य दल कांग्रेस-एनसीपी, जिसमें भाजपा को सर्वाधिक 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हासिल हुईं थी।
चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना द्वारा ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग करने के कारण भाजपा के साथ उसका गठबंधन टूट गया। शिवसेना नेता चुनाव के पहले से ही यह दावा करते रहे हैं कि वह महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनाकर शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे के सपनों को पूरा करेंगे। हालांकि, इसे लेकर शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी के सहयोग से महाराष्ट्र में सरकार बनाना चाहा लेकिन भाजपा ने एक बड़ा उलटफेर करते हुए महाराष्ट्र में NCP प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार को लेकर सरकार बना ली है।