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    मेरठ। 

    नागरिकता संशोधन कानून पर सियासी तपिश के बीच बुधवार को मेरठ के शताब्‍दी नगर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की रैली के दौरान भाजपा नेताओं के सियासी बोल भी तरकश से निकले। रैली में केंद्रीय मंत्री व मुजफ्फरनगर के सांसद डॉ संजीव बालियान ने कहा कि पश्चिम उप्र के छात्रों को जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और एएमयू में 10 फीसद आरक्षण दे दिया जाए तो वहां लोग टुकड़े-टुकड़े का नारा लगाना भूल जाएंगे। वेस्ट यूपी वाले उनका इलाज कर देंगे। 

    मेरठ में उनसे ज्‍यादा छात्र समर्थन में

    उन्होंने कहा कि आठ हजार छात्र जेएनयू, आठ हजार जामिया व एएमयू में हैं, जहां विरोध हो रहा है। उनसे ज्यादा छात्र तो हमारे मेरठ कॉलेज में ही हैं, जो इसका समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने मुजफ्फरनगर के आठ परिवारों के दर्द का जिक्र किया जो पाकिस्तान से आए हैं। बताया कि ये परिवार 1989 में आए थे। इनमें एक परिवार ऐसा भी था जिनकी मां और नाबालिग बेटी को उठा लिया गया था। वह किसी तरह से जान बचाकर यहां आए थे।

     

    मोदी के अंदाज में पूछा, वसूली होनी चाहिए या नहीं : राणा

    सीएए जागरूकता रैली को प्रदेश सरकार में गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने भी संबोधित किया। रैली के हुजूम से ही सवाल किया कि बोलो नागरिकता संशोधन कानून लाकर प्रधानमंत्री ने शानदार काम किया कि नहीं? लोगों ने हां बोला तो उनका अंदाज और कड़क हुआ। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत में रहकर भारत के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाते हैं, उनकी मंशा पूरी नहीं होने देंगे। उन्होंने 20 दिसंबर की हिंसा के दौरान संपत्ति के नुकसान के बारे में कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने पत्थर उठाने वालों को नहीं छोड़ा। भीड़ से सवाल किया कि वसूली होनी चाहिए या नहीं? लोगों ने फिर हां कहा।

    मुसलमान नहीं विपक्षियों को है डर : महेश

    पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी मुसलमान को कोई डर नहीं है। उनका कोई नुकसान भी नहीं होने वाला। विपक्षी पार्टियों को अपना वोट बैंक खिसकने का डर है। मुसलमानों को डर दिखाकर जो माहौल पैदा कर रहे हैं, उसे लोग समझ रहे हैं। तनाव पैदा करके हिंसा का माहौल इसलिए विपक्षियों ने बनाया जिससे देश की एकता टूटे और उन्हें राजनीति करने का मौका मिले। 

    सीएए का विरोध.. मतलब जनता का अपमान : राजेंद्र

    सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने रैली को संबोधित करने के दौरान कहा कि सीएए संसद की दोनों सदनों ने पास किया। कानून का विरोध करना संसद का अपमान है। संसद में जनता के जनप्रतिनिधि कानून पास करते हैं, इसलिए यह देश की जनता का अपमान है। उन्होंने बताया कि गांधीजी, नेहरू, डॉ.आंबेडकर ने देश के बंटवारे के समय ही कहा था कि यदि पाकिस्तान में हंिदूू, सिख, बौद्ध, पारसी आदि अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय हुआ, तो उनके लिए भारत हमेशा खड़ा रहेगा। कुछ समय पहले मनमोहन सिंह ने भी नागरिकता कानून की जरूरत बताई थी। 

    मैं रहा सीएए की कमेटी का चेयरमैन : सत्यपाल

    पूर्व केंद्रीय मंत्री व बागपत के सांसद डा. सत्यपाल सिंह ने रैली संबोधन के दौरान बताया कि उन्हें उस संयुक्त संसदीय कमेटी का चेयरमैन बनने का मौका मिला, जो नागरिकता संशोधन कानून लाने से पहले बनाई गई थी। इस नाते उन्होंने देश के विभिन्न शहरों व प्रदेशों में दौरा किया। यह कानून बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में 2019 में एक हजार लड़कियों का धर्म परिवर्तन हुआ। इस पर वहां के सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है। अहमदाबाद में 28 डाक्टर रह रहे हैं, जो पाकिस्तान में प्रताड़ित होने के कारण आए हैं। इनमें कई जूते की दुकान पर काम कर रहे हैं। वे आधार नहीं बनवा पाए। ऐसे लोगों के लिए यह कानून आया है।

    जोगेंद्र मंडल ने शरणार्थी के रूप में दम तोड़ा था : लक्ष्मीकांत

    भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि दलित नेता व पाकिस्तान में काननू मंत्री रहे जोगेंद्र नाथ मंडल भी पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर पाकिस्तान भागकर आए थे। वह अंतिम सांस तक पश्चिम बंगाल में रहे। लेकिन वह अंतिम समय तक शरणार्थी के रूप में रहे। उन्होंने नागरिक के रूप में नहीं शरणार्थी के रूप में दम तोड़ा था। ऐसे लोगों को नागरिक बनाना है। भारत शरणार्थी के रूप में नहीं, नागरिक के रूप में देखना चाहता है। 

     

     

     

     

     

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