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    जम्मू कश्मीर। 

    जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ फुटबॉलर अब आतंक की दुनिया छोड़ वापस आ गया है. 20 साल के माजिद खान ने कुछ समय पहले ही फुटबॉल छोड़कर आतंकी संगठन में शामिल हुआ था. दोस्तों और परिवार वालों की अपील पर उसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है.

    10 नवंबर को माजिद ने अपने फेसबुक पर एके47 के साथ फोटो डालते हुए लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने का ऐलान किया था. माजिद को लोग एक फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में जानते थे. वह एनजीओ में भी काम कर चुका था और उभरता हुआ खिलाड़ी था.

    बचपन से ही पढ़ाई और खेलकूद में आगे रहने वाले माजिद ने 10वीं और 12वीं में भी अच्छे मार्क्स पाए थे. काफी कम उम्र में ही वह अनंतनाग में अपनी खेल से पहचान बना चुका था. माजिद अपनी टीम का बेहतरीन गोलकीपर माना जाता था.

    कैसे बना आतंकी

    कहा जा रहा है कि अपने करीबी दोस्त के कारण माजिद ने आतंकी बनने का फैसला किया. माजिद का दोस्त यावर निसार एक आतंकी संगठन में शामिल हो गया था. निसार को पुलिस ने अगस्त के पहले सप्ताह में एक एनकाउंटर में मार गिराया. इस घटना ने उसकी जिंदगी बदल दी और उसने आतंकी बनने की ठान ली.

    आतंकी संगठन ज्वॉइन करने की घटना उसके दोस्तों और परिवार वालों के लिए चौकाने वाली थी. माजिद के इस फैसले से उसके मां-बाप काफी दुखी हो गए थे. माजिद की मां का रोता हुआ और अपने बेटे को वापस बुलाने की अपील करता हुआ वीडियो भी वायरल हो गया था. उसके दोस्तों और परिवार वालों ने लगातार उसके फेसबुक पर लिख कर उसे वापस बुलाने की कोशिश करते रहे.

    उसके दोस्तों ने फेसबुक पर लिखा कि आज मैंने तुम्हारी मां और अब्बू को देखा. वो बुरी तरह से टूट चुके हैं. प्लीज लौट आओ. इस तरह अपने मां-बाप को मत छोड़ो. प्लीज वापस आ जाओ. तुम अपने मां-बाप की इकलौती उम्मीद हो. वो तुमसे बिछड़ना नहीं सह पाएंगे. जब मैंने उन्हें देखा तब वो रो रहे थे. प्लीज माजिद उनके लिए लौट आओ. हम सब तुम्हें बहुत प्यार करते हैं.

    अपने दोस्तों और परिवार वालों की बात मानते हुए माजिद ने आतंक की दुनिया को छोड़ने का फैसला किया और वापस आ गया.

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