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    नई दिल्ली। 

    संसद का शीतकालीन सत्र जारी है. आज यानी शुक्रवार को इस सत्र का 9वां दिन था. अब तक का सत्र काफी हंगामेदार रहा है. इसमें तीन तलाक पर सबसे ज्यादा बहस की गई है. लेकिन शुक्रवार को एक अलग मांग उठाई गई.

    सांसदों ने राज्यसभा में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की हर साल 23 जनवरी को मनाई जाने वाली जयंती को ‘देशप्रेम दिवस’ घोषित करने की मांग उठाई.

    माकपा से निष्कासित सदस्य रीताव्रता बनर्जी ने उच्च सदन में शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए नेताजी सुभाष जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की.

    बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी के अप्रतिम योगदान को देखते हुए केंद्र सरकार को न सिर्फ उनकी जयंती को देशप्रेम दिवस के रूप में घाषित करना चाहिए बल्कि 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना चाहिए.

    उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मांग का समर्थन किया है. सभापति एम वेंकैया नायडू ने नेताजी को ‘देश के महान नायक’ बताते हुए कहा कि वह बनर्जी द्वारा उठाई गई इस मांग पर सदन की भावना से सहमत हैं और अपेक्षा करते हैं कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर जल्द कोई फैसला करेगी। 

     

     

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