वारंटी एक्सटेंशन – क्या है और कैसे ले सकते हैं?
बहुत से लोग खरीदते‑समय सिर्फ दो‑तीन साल की वैरंटी देखते हैं, लेकिन कभी‑कभी प्रोडक्ट को और समय चाहिए होता है। ऐसा वही है वारंटी एक्सटेंशन का मकसद – आपकी मौजूदा वारंटी को आगे बढ़ाना। इसे खरीदना आसान है, बस कुछ बातों को समझना जरूरी है।
कब जरूरत पड़ती है वारंटी एक्सटेंशन की?
अगर आप ऐसा गैजेट ले रहे हैं जो 2 साल में पुराना हो जाता है, या आप इसे लंबे समय तक इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो एक्सटेंशन फायदेमंद है। उदाहरण के लिए, मोबाइल फोन, लॅपटॉप, या एसी का सर्विस प्लान अक्सर पहली वारंटी के बाद महँगा पड़ जाता है। साथ ही, रियल एस्टेट और वाहन भी वारंटी एक्सटेंशन के तहत आते हैं। जब प्रोडक्ट की मरम्मत की लागत बढ़ती है, तब एक्सटेंशन से आप आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकते हैं।
वारंटी एक्सटेंशन कैसे खरीदें?
सबसे पहले, उस प्रोडक्ट की मौजूदा वारंटी डिटेल चेक करें। कई ब्रांड रेज़िस्टर पर ही एक्सटेंशन ऑप्शन दे देते हैं, कभी‑कभी ऑनलाइन भी मिल जाता है। आप manufacturer की वेबसाइट या authorised dealer से संपर्क कर सकते हैं। खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें:
- एक्सटेंशन की अवधि – 1 साल, 2 साल या 5 साल तक।
- कुल खर्च – कभी‑कभी शुरुआती कीमत कम दिखे, पर बाद में कई बार रिन्यूअल फीस आती है।
- कवर क्या है – केवल पार्ट्स या पार्ट्स + लेबर, या पूरे प्रोडक्ट का कवरेज।
- क्लेम प्रक्रिया – क्या आपको नंबर या कोड चाहिए, और क्लेम कब तक मानेगा।
भुगतान करने के बाद आपको एक्सटेंशन का एक प्रूफ मिलेगा, जैसे कि कॉपी या ई‑मेल। इसे सुरक्षित रख दें, क्योंकि वारंटी क्लेम करते समय यही काम आता है।
एक बात और, अगर आप एक्सटेंशन नहीं लेना चाहते, तो आप किसी थर्ड‑पार्टी सर्विस प्लान पर भी विचार कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि थर्ड‑पार्टी की कोपरेशन हर बार निर्माता की प्रोडक्ट वारंटी जितनी भरोसेमंद नहीं होती।
सार में, वारंटी एक्सटेंशन एक सरल तरीका है जिससे आप अपने प्रोडक्ट को लम्बे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं। सही जानकारी और सही प्लान चुनने से आप अनावश्यक खर्च से बच सकते हैं। अगर अभी भी शंका है, तो सीधे डीलर से पूछें – वो आपको आपके प्रोडक्ट के हिसाब से सबसे अच्छा विकल्प बतायेंगे।