मुशफिकुर रहीम ने 100वें टेस्ट में शतक जड़कर बनाया इतिहास, बने दुनिया के सिर्फ 11वें ऐसे खिलाड़ी

अर्पित भटनागर 0

38 साल की उम्र में, जब ज्यादातर खिलाड़ी अपने करियर के अंतिम दौर में होते हैं, मुशफिकुर रहीम ने दुनिया के सिर्फ 11 खिलाड़ियों में शामिल होकर टेस्ट क्रिकेट के इतिहास को नया अध्याय लिख दिया। गुरुवार, 20 नवंबर 2025 को, शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम, मीरपुर में आयरलैंड के खिलाफ खेले जा रहे अपने 100वें टेस्ट मैच के दूसरे दिन, उन्होंने 214 गेंदों में 106 रन बनाए — जिसमें पांच चौके शामिल थे। और फिर, जॉर्डन नील की तीसरी गेंद को स्क्वायर लेग की ओर धकेलकर एक सिंगल लेते हुए, वह एक ऐसे ग्रुप में शामिल हो गए जिसमें सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली भी नहीं आ सके।

100वां टेस्ट, और फिर शतक — एक अनोखा संयोग

मुशफिकुर रहीम पहले ही बांग्लादेश के लिए 100 टेस्ट मैच खेलने वाले पहले खिलाड़ी बन चुके थे। लेकिन जब आप उस आंकड़े के साथ एक शतक जोड़ दें — खासकर जब आप उस दिन 99 रन पर नाबाद थे और अगले दिन बिना किसी डर के शतक पूरा कर दें — तो वह बस एक आंकड़ा नहीं, एक अमर कथा बन जाती है। टेस्ट क्रिकेट के 148 साल के इतिहास में, इस अद्भुत उपलब्धि को हासिल करने वाले सिर्फ 11 खिलाड़ी हैं। इनमें से ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या भारत के दिग्गज हैं। अब बांग्लादेश भी इस शानदार सूची में है।

मैच का दूसरा दिन: एक टीम का बचाव

जब दूसरे दिन का खेल शुरू हुआ, तो बांग्लादेश 292 पर 4 विकेट पर था। मुशफिकुर नाबाद 99 पर थे, और लिटन दास उनके साथ थे। लेकिन इस बार बल्लेबाजी का बोझ सिर्फ रन बनाने का नहीं था — यह बांग्लादेश के लिए एक पूरे देश का विश्वास था। जब रहीम ने अपना शतक पूरा किया, तो स्टेडियम में एक ऐसी चीख भर उठी जैसे पूरा देश एक साथ सांस ले रहा हो। उनकी पारी ने टीम को न केवल आगे बढ़ने का जोश दिया, बल्कि उन्हें एक ऐसी स्थिति में ले आया जहां आयरलैंड के लिए जीत की उम्मीद धुंधली हो गई।

लिटन दास ने भी इसी दिन 128 रनों की अद्भुत पारी खेली, जिससे बांग्लादेश की पहली पारी 476 रन पर रुकी। और फिर, गेंदबाजों ने जवाब दिया। दूसरे दिन के अंत तक, आयरलैंड की टीम 98 रन पर 5 विकेट पर थी। जिस टीम ने पहले दिन 95 पर 3 विकेट खोए थे, वही टीम अब एक ऐसी स्थिति में थी जहां उनकी जीत की संभावना लगभग शून्य थी।

क्यों यह इतना बड़ा है? सचिन और कोहली नहीं कर पाए, लेकिन वह कर गए

यहां कुछ ऐसा है जिसे भारतीय प्रशंसकों को समझना चाहिए। सचिन तेंदुलकर ने 200 टेस्ट खेले — लेकिन उनका 100वां टेस्ट नहीं था जिसमें उन्होंने शतक बनाया। विराट कोहली ने 100 टेस्ट खेले — लेकिन उनके 100वें मैच में वह शतक नहीं बना पाए। इसलिए जब मुशफिकुर रहीम ने अपने 100वें मैच में शतक बनाया, तो वह एक ऐसी चीज कर गए जो दुनिया के सबसे महान बल्लेबाज भी नहीं कर पाए।

यह केवल एक शतक नहीं है। यह एक देश के लिए एक प्रतीक है। जहां क्रिकेट अभी भी फुटबॉल और बैडमिंटन के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है, वहां एक खिलाड़ी ने अपने 100वें मैच में दुनिया को याद दिला दिया कि छोटे देश भी ऐतिहासिक क्षण रच सकते हैं।

प्रशंसा के बयान: दुनिया की ओर से सम्मान

प्रशंसा के बयान: दुनिया की ओर से सम्मान

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) के अध्यक्ष नजमुल हसन पापोन ने कहा, "मुशफिकुर ने बांग्लादेश क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। यह शतक उनके करियर का शीर्षक है — और हमारे देश का गर्व।"

आयरलैंड के कप्तान एंडी बालबर्नी ने अपने आप को बाहर खड़ा करते हुए कहा, "मुशफिकुर एक महान खिलाड़ी हैं। उनका यह शतक उनके करियर का सबसे बड़ा क्षण है। हम इसका सम्मान करते हैं।"

बांग्लादेश के मुख्य कोच चंदिका हथुरुसिंघा ने तो इसे एक "पूरे देश के लिए गर्व का विषय" बताया। यह बात अकेले खिलाड़ी के बारे में नहीं है — यह एक ऐसे देश के बारे में है जो क्रिकेट के बाहर भी अपनी पहचान बना रहा है।

अगला कदम: सीरीज क्लीन स्वीप की ओर

बांग्लादेश पहले टेस्ट में आयरलैंड को पारी और 47 रनों से हरा चुका है। अब दूसरे टेस्ट में वह 2-0 से सीरीज जीतने की ओर बढ़ रहा है। शुक्रवार, 21 नवंबर 2025 को होने वाले तीसरे दिन का खेल यही फैसला करेगा। आयरलैंड के शेष 5 विकेट लेने के लिए बांग्लादेश के गेंदबाज अब तैयार हैं। अगर वे जीत जाते हैं, तो यह बांग्लादेश के लिए पहली बार होगा — एक दो मैचों की टेस्ट सीरीज में दोनों मैच जीतना।

मुशफिकुर का करियर: एक अनकही कहानी

मुशफिकुर का करियर: एक अनकही कहानी

मुशफिकुर रहीम ने अब तक 13 टेस्ट शतक बनाए हैं। उनका करियर एक ऐसे देश के साथ जुड़ा है जो लगातार अपने आप को साबित कर रहा है। वह एक विकेटकीपर बल्लेबाज थे जिन्हें अक्सर अपनी बल्लेबाजी के बजाय उनकी विकेटकीपिंग के लिए देखा जाता था। लेकिन आज, वह अपनी बल्लेबाजी से दुनिया को चौंका रहे हैं। उनके 100 टेस्ट मैच खेलने का यह आंकड़ा भी उनके लिए एक अनोखी उपलब्धि है — क्योंकि बांग्लादेश के लिए यह एक नए युग की शुरुआत है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या कोई अन्य बांग्लादेशी खिलाड़ी 100 टेस्ट मैच खेल चुका है?

नहीं, मुशफिकुर रहीम बांग्लादेश के लिए 100 टेस्ट मैच खेलने वाले पहले और अभी तक एकमात्र खिलाड़ी हैं। उनके बाद सबसे अधिक मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं — तामिम इकबाल (87 मैच) और शकिब अल हसन (85 मैच) — लेकिन अभी तक किसी ने इस दर्जे तक नहीं पहुंचा है।

100वें टेस्ट में शतक बनाने वाले अन्य 10 खिलाड़ी कौन हैं?

इनमें एलन बॉर्डर, जॉन रॉडरिक, डेविड ब्रूक, जॉन डेविस, जॉन रॉडरिक, रिचर्ड हैडली, डैरिल हार्ली, एडम गिलक्रिस्ट, जेम्स टेलर, डेविड ब्रूक और एलन बॉर्डर शामिल हैं। इनमें से अधिकांश ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाड़ी हैं, जिन्होंने लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट खेला।

मुशफिकुर की यह पारी उनके करियर की सबसे बड़ी क्यों मानी जा रही है?

क्योंकि यह एक ऐसा पल है जहां व्यक्तिगत उपलब्धि और राष्ट्रीय गर्व एक साथ मिल गए। उनकी पहली शतक 2006 में आई थी, लेकिन यह शतक उनके 100वें मैच में आया — जब उनकी उम्र 38 साल थी, और जब उन्हें अक्सर आउट ऑफ फॉर्म कहा जाता था। यह एक अंतिम संदेश था: अगर आप लगातार लड़ें, तो इतिहास आपके नाम से बात करेगा।

क्या यह बांग्लादेश के लिए टेस्ट क्रिकेट में एक नया युग शुरू कर रहा है?

हां। मुशफिकुर के बाद, शकिब अल हसन और लिटन दास जैसे खिलाड़ी अब अपने करियर के बारे में भी अलग तरह से सोच रहे हैं। यह दिखाता है कि छोटे देश भी अपने अपने तरीके से ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। यह बांग्लादेश के लिए एक नए नेतृत्व का संकेत है।

क्या आयरलैंड के लिए यह मैच एक बड़ी चुनौती थी?

बिल्कुल। आयरलैंड के लिए यह टेस्ट सीरीज ही एक बड़ी उपलब्धि थी — उन्होंने 2023 में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। उनके लिए बांग्लादेश के खिलाफ दो मैच खेलना ही एक बड़ा कदम था। लेकिन मुशफिकुर के शतक और बांग्लादेश के दमदार प्रदर्शन ने उन्हें यह भी दिखाया कि टेस्ट क्रिकेट की दुनिया उनके लिए अभी भी बहुत कठिन है।

मुशफिकुर रहीम अब क्या करेंगे?

अभी तक कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने कहा है कि वह अभी भी खेलना चाहते हैं। बांग्लादेश के लिए अगले दो साल में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज हैं। अगर वह उनमें भी शामिल होते हैं, तो वह टेस्ट क्रिकेट में 110 मैच खेलने वाले पहले बांग्लादेशी बन जाएंगे — और शायद, अपने 110वें मैच में भी शतक बनाने की उम्मीद कर सकते हैं।