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नई दिल्ली। 

मौसम विभाग ने आज (सोमवार) दून में बारिश के साथ ओले व मसूरी और चकराता में भारी बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी में स्थानीय लोगों और पर्यटकों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने सभी विभागों को सतर्क कर दिया है।
 
 
वहीं सोमवार को राजधानी देहरादून में बादल छाए रहे। जिससे कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इसके बाद दून में बूंबाबांदी शुरू हो गई। वहीं शनिवार के हुई बर्फबारी के बाद अब मसूरी में खून जमाने वाली ठंड पड़ रही है। आज काशीपुर, रामनगर में धूप खिली है। हरिद्वार, पंतनगर, अल्मोड़ा, लोहाघाट, चंपावत, रुद्रपुर, नई टिहरी और आसपास के क्षेत्रों में सुबहमें बादल छाए हैं। ठंड बढ़ गई है।

चमोली जिले में आसमान में घने बादल छाए हैं। दोपहर बाद यहां बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। उत्तरकाशी जनपद में सुबह से बादल छाए हैं। जिले के अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के ऊंचाई वाले इलाकों में एकबार फिर बर्फबारी हो सकती है। रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक घने बादल छाए हैं। यमुनोत्रीधाम के साथ ही खरशाली, जानकी चट्टी, फूलचट्टी आदि क्षेत्र में बर्फबारी हो रही है। जबकि यमुना घाटी में बारिश का मौसम बना हुआ है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी डॉ. दीपशिखा रावत ने बताया कि मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट के हिसाब से जिले में सभी विभागों को सतर्क कर दिया है। इसके लिए यदि किसी विभाग के पास संसाधनों की कमी है तो वह जिला प्रशासन से संपर्क कर सकता है। लोक निर्माण विभाग, जल संस्थान आदि विभागों के कर्मचारियों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जेसीबी, चूना और नमक आदि के साथ तैनात रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं।    

किस विभाग पर कौन सी जिम्मेदारी

लोनिवि और राजमार्ग : बर्फबारी वाले स्थानों पर जेसीबी की तैनाती, चूना आदि की व्यवस्था करना। वैकल्पिक मार्गों से यातायात सुचारु कराना। अपने-अपने विभागीय गेस्ट हाउस को अलर्ट मोड पर रखेंगे। ताकि, किसी भी स्थिति में पर्यटकों और स्थानीय जनता को इनमें शिफ्ट किया जा सके। 
जल संस्थान व पेयजल निगम : बर्फबारी के कारण पानी जमने और पाईप लाइन क्षतिग्रस्त होने की दशा में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी। 
विद्युत विभाग: विद्युत आपूर्ति बाधित होने के तत्काल बाद स्थिति को सामान्य बनाने काम प्रमुख रूप से करना होगा। 
जिला पूर्ति विभाग: आपदा की स्थिति में जनमानस और पर्यटकों को खाद्य आपूर्ति की व्यवस्था करना। फूड पैकेट तैयार कर रखने के निर्देश जारी किए हैं। 
स्वास्थ्य विभाग : सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की उपलब्धता बनाते हुए दवाईयों के भंडारण करेंगे। ताकि, आपात स्थिति में परेशानी न झेलनी पड़े।

चकराताः लोखंडी, धारना धार, देववन, बुधेर पहुंचे पर्यटक

पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद रविवार को मौसम साफ हुआ तो बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए ऊंची चोटियों पर पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में पर्यटकों ने लोखंडी, धारना धार, देववन, बुधेर पहुंच बर्फबारी का लुत्फ उठाया। दिनभर ऊंची चोटियां पर्यटकों से गुलजार नजर आई हालांकि, शाम चार बजे बाद चलने वाली ठंडी हवाओं ने लोगों को सिहरन का एहसास करा दिया।
 
शाम को चली ठंडी हवाओं के चलते तापमान माइनस में चला गया। रविवार को चकराता का अधिकतम तापमान छह डिग्री और न्यूनतम -01 डिग्री रहा। शाम ढलते ही लोगों के घरों और दुकानों में अलाव जल उठे।बर्फबारी के चलते होटल मभी फुल हो गए। सोमवार को भी बड़ी संख्या में पर्यटकों के चकराता और आसपास की ऊंची चोटियों का रुख करने का अनुमान है। 

वहीं विकासनगर और आसपास के अंचलों में भी चटक धूप खिली रही हालांकि, कई बार आसमान में बादल भी छाए लेकिन, कुछ ही देर में आसामान पूरी तरह से साफ हो गया। विकासनगर का अधिकतम तापमान 16 और न्यूनतम 09 डिग्री रहा।  

भारी बर्फबारी ने बढ़ाई गांवों की दुश्वारियां

गोपेश्वर जिले में हो रही बर्फबारी ने दूरस्थ गांव के लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। जिले में 30 से अधिक गांवों में इस समय बर्फ की चादर बिछी हुई है। अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में घरों के ऊपर तक कई फीट बर्फ जमी हुई है। पानी की लाइनें जमने से पेयजल का संकट खड़ा हो गया है। मवेशियों के लिए चारा पत्ती की भी समस्या बन गई है। कई गांवों में एक हफ्ते बाद भी बिजली सप्लाई बहाल नहीं हो पाई है।

दशोली ब्लॉक के पाणा ईराणी सहित आसपास के गांवों में और जोशीमठ ब्लॉक के दर्जनों गांवों में पिछले कई दिनों से भारी बर्फबारी हो रही है, जिससे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पाणा ईराणी में पिछले 10 दिनों से बिजली गुल है। घरों के बाहर दरवाजे पर कई फीट तक बर्फ जमी है। हर दिन लोग फावड़े व अन्य सामान से बर्फ हटाते हैं लेकिन अगले दिन फिर बर्फ पड़ जाती है।
 
चारों तरफ बर्फ पड़ने से मवेशियों के लिए चारा पत्ती की समस्या आ गई है। ठंड के कारण नलों में पानी जम रहा है, जिससे लोग प्राकृतिक स्रोत का सहारा ले रहे हैं। पाणा गांव की बीना देवी, शांति देवी, सीमा देवी, अनीता देवी सहित अन्य लोगों ने बताया कि पिछले बर्फबारी से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है।
 

धनोल्टी आ रहे पर्यटकों को जूझना पड़ा जाम से

बर्फबारी का नजारा देखने के लिए रविवार को पर्यटन नगरी धनोल्टी और काणाताला क्षेत्र बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे, लेकिन पर्यटकों को चंबा-धनोल्टी मार्ग पर सुबह से लेकर अपराह्न तक जाम की समस्या से जूझना पड़ा। बर्फ के ऊपर पाला गिरने से वाहन रपटने के कारण बार-बार मार्ग पर जाम लगता रहा। जाम को देखते हुए पुलिस प्रशासन को बुरांशखंडा और कद्दूखाल में बैरियर लगाकर वाहनों को रोकना पड़ा।

शनिवार को धनोल्टी और काणाताला क्षेत्र में बर्फबारी की सूचना पर रविवार को देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश सहित अन्य स्थानों से भारी संख्या में पर्यटकों का हुजूम धनोल्टी की तरफ उमड़ पड़ा, लेकिन बर्फ के ऊपर पाला गिरने के कारण चंबा-धनोल्टी सड़क पर फिसलन की समस्या खड़ी हो गई। पाले के कारण सड़क पर वाहन रपटने लगे, जिससे सुबह से लेकर अपराह्न एक बजे से चंबा-धनोल्टी मार्ग पर बार-बार जाम लगता रहा। सुरक्षा की दृष्टि से पर्यटकों के वाहनों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन को कद्दूखाल और बुरांशखंडा में बैरियर लगाना पड़ा।

सड़क मार्ग पाला और बर्फ हटाने के बाद अपराह्न दो बजे चंबा-धनोल्टी मार्ग पर वाहनों की विधिवत आवाजाही शुरू हुई। तब जाकर वहां फंसे पर्यटकों ने राहत की सांस ली। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि अपराह्न बाद चंबा-धनोल्टी मार्ग पर वाहन सामान्य रूप से संचालित हो रहे है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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