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    नई दिल्ली। 

    बिहार विधानसभा चुनाव आने में अभी वक्त है लेकिन वहां पर सियासी गर्मी की तपिश का एहसास अब किया जाने लगा है। कुछ दिनों पहले पार्टी से निकाले गए प्रशांत किशोर ने सार्वजनिक तौर पर नीतीश कुमार को पिछलग्गू बताकर हमला किया तो जेडीयू ने उन्हें मानसिक तौर पर अस्थिर करार दिया।

    जेडीयू ने कहा- प्रशांत किशोर मानसिक तौर पर अस्थिर जैसा कर रहे व्यवहार

    जेडीयू नेता अजय आलोक ने कहा निलंबित पार्टी नेता प्रशांत किशोर पर हमला बोलते हुए कहा- “कोई भी शख्स ऐसा व्यवहार तब करता है जब वे मानसिक तौर पर आसंतुलित हो जाता है। एक तरफ वे कहते हैं कि नीतीश कुमार मेरे पिता की तरह है और दूसरी तरफ वे उनके ऊपर हमला करते हैं जो सच नहीं है।”

    प्रशांत किशोर ने कहा- नीतीश राज में अब भी सबसे गरीब राज्य बिहार

    जेडीयू से निकाले जाने के बाद पहली बार जब पटना में मंगलवार को प्रशांत किशोर ने प्रेस को संबोधित किया तो उनके निशान पर थे सिर्फ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। उन्होंने नीतीश कुमार पर एक के बाद एक कई तीर से उन पर निशाना साधा।

    प्रशांत किशोर ने कहा कि गरीबी के मामले में आज भी सबसे ज्यादा गरीब लोग बिहार में ही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मानते हैं कि उन्होंने बिहार में बहुत कुछ किया, लेकिन हकीकत ये है कि देश का सबसे ज्यादा गरीब बिहार में ही बसते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार उनके लिए पिता तुल्य हैं और उनका फैसला उन्हें दिल से स्वीकार है।

    मेरा नीतीश से संबंध विशुद्ध राजनीतिक नहीं

    उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों के दौरान भले ही बिहार का विकास हुआ हो, लेकिन विकास की गति ऐसी नहीं रही जिससे आमूल-चूल परिवर्तन हुआ हो। प्रशांत ने आगे कहा कि 2005 में भी बिहार देश का सबसे गरीब राज्य था और आज भी सबसे गरीब राज्य है, जो विकास के मामले में 22वें स्थान पर है।

    प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार गोड्स की विचारधारा वालों के साथ हैं। उन्होंने कहा बिहार में शिक्षा को लेकर भले ही काफी काम हुआ हो, लेकिन हकीकत ये है कि साइकिल बटी, पोशाक बटी, एडमिशन भी हुआ लेकिन शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ पाया।

    प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग यह जानना चाहते हैं कि जो आपने जो किया वो ठीक है, लेकिन अगले दस साल के लिए क्या एजेंडा है? उन्होंने कहा कि आज बिहार के लोग सूरत में काम करने जाते हैं लेकिन ऐसा दिन भी तो आए कि वहां से भी लोग यहां पर काम करने आए।