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    इचिंग स्किन (Itching Skin) को मेडिकल भाषा में प्रूरिट्स (Pruritus) कहा जाता है। त्वचा में खुजलाहट के अनुभव को ही इचिंग स्किन कहा जाता है। ऐसी स्थिति में हम स्किन में हो रही खुजली को शांत करने के लिए त्वचा को नोचने तक पर मजबूर हो जाते हैं।

    स्किन में खुजली की शिकायत के कई कारण हैं। अगर खुजली लगातार हो रही है तो यह लिवर और किडनी की बीमारी भी हो सकती है। वैसे आमतौर पर स्किन मे इचिंग एलर्जी, स्किन रैशज और डर्माटिटीस (चर्म रोग) की वजह से होती है। इचिंग पूरे बदन में या किसी खास एक अंग में भी हो सकती है।

    एलोपैथी के अनुसार खुजली, माइक्रोब्स यानि अत्यंत सूक्ष्म जीवाणुओं के संक्रमण से होती है। कई-कई दिन तक स्नान नहीं करने, त्वचा पर धूल-मिट्टी जमने से त्वचा में खुजली की शिकायत आम है। डॉक्टरों के मुताबिक खुजली कोई स्वतंत्र रोग नहीं है। शरीर के दूसरे रोगों के कारण, स्किन ड्राई हो जाने या रक्त दूषित होने पर खुजली होती है। ब्लड इंफेक्शन होने पर फोड़े-फुंसियां निकलती हैं जिससे खुजली होती है। पेट में कीड़े (Worm) होने से भी खुजली होती है।

    चार प्रकार की होती है खुजली (Types of Itching Skin) 

    • बिना दानों के खुजली
    • दाने वाली खुजली
    • बिना दाने या दाने वाली खुजली के कारण खुजली के अन्य लक्षण उत्पन्न होते हैं। खुजली पूरी त्वचा, सिर, मुख, पांव, अंगुलियों, नाक, हाथ या प्रजनन अंग आदि अंगों में हो जाती है। खुजली अधिकतर इन्हीं स्थानों पर होती है
    • बिना दानों वाली या दानों वाली खुजली खुश्क या तर हो सकती है

    इन कारणों से होती है खुजली -: 

    शुष्क त्वचा (Dry Skin)- ड्राई स्किन वाले लोगों को खुजली की शिकायत ज्यादा होती है। उन्हें तापमान अनुकूल नहीं मिलने की वजह से भी परेशानी होती है। गर्मी में अधिक ताप होने से हर समय पसीना आता रहता है। बाहर से घर लौटने पर सारा शरीर पसीने से भीगा होता है, लेकिन एसी, पंखे व कूलर की ठंडी हवा से कुछ देर में पसीना सूख जाता है। शरीर पर पसीना सूख जाने से खुजली होती है।

    जाड़े में सर्द हवा के प्रकोप से जब त्वचा शुष्क होकर फटने लगती है जिस वजह से खुजली की समस्या होती है वहीं गर्मी में घमोरियां इसका एक अन्य कारण है।

    त्वचा की बीमारी और प्रकृति- आमतौर पर स्किन की बीमारियां खुजली उत्पन्न करती हैं। मसलन-

    • डर्माटिटीस (Dermatitis): त्वचा की सूजन
    • एक्जिमा (Eczema): यह स्किन का क्रॉनिक रोग है। इसमें खुजली, चकत्ते और स्किन रैशेज होता है।
    • सोरायसिस (Psoriasis): यह इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाने के कारण होता है। इसमें स्किन लाल हो जाती है और जलन का भी अनुभव होता है।
    • चिकनपॉक्स
    • खसरा
    • जूं
    • पाइनवर्म

    और भी हैं कई कारण-:

    • पेशाब करने के बाद स्वच्छ जल से जननांग को साफ नहीं किया जाए तो जीवाणुओं के संक्रमण से खुजली होती है
    • कुछ स्त्री-पुरुषों के सिर के बालों में जुएं हो जाती हैं तो भी खुजली होती है
    • मधुमेह रोगियों में जननांगों के आस-पास खुजली होती है

    इचिंग स्किन के लक्षण -:

    • शरीर में खुजलाहट कभी भी हो सकती है
    • सीढ़ियां चढ़ते समय, पैदल यात्रा करने में या वातावरण में उष्णता होने पर तीव्र खुजली होती है
    • शुरु में हल्की खुजली होती है और जोर से खुजलाने पर त्वचा लाल पड़ जाती है
    • स्किन पर फुंसियां निकल आती हैं
    • कमर, छाती, बगल, जांघों और नाभि के आस-पास खुजली अधिक होती है
    • शरीर के किसी अंग में फुंसियां व चेहरे पर मुहांसे होने पर खुजली होती है

    खुजली की ईलाज के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies of Itching Skin)

    • स्किन को हाइड्रेटेड रखने के लिए मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें
    • बेकिंग सोडा, खुजली की समस्या को कम करता है
    • एंटी इचिंग ओटीसी क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं
    • ब्लड इंफेक्शन से खुजली होने पर नीम के पत्ते और काली मिर्च के दाने पीसकर पानी के साथ सेवन करें
    • नीम के पत्तों को पानी में उबालकर, छानकर स्नान करने से खुजली खत्म होती है
    • नारियल के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से खुजली से राहत मिलती है
    • नीम के पेड़ पर पकी निबौली खाने से खुजली कम होती है
    • सुबह-शाम टमाटर का रस पीने से खुजली खत्म होती है
    • डॉक्टर की सलाह से एंटी एलर्जिक दवाई लें

    खुजली से निपटने के लिए सामान्य टिप्स-:

    • अधिक फल-सब्जियों का सेवन करें
    • खुजली वाले जगह को ज्यादा नोचें या स्क्रैच नहीं करें
    • साबुन, डिटर्जेंट, और परफ्यूम से दूर ही रहें
    • जाड़े में प्रतिदिन स्नान से पहले सरसों व तिल के तेल से मालिश करें
    • चमेली के तेल में नीबू का रस मिलाकर मालिश करने के बाद स्नान करें

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