img

Breaking News

    ‘‘लोकतंत्र है बन गया, लूटतंत्र अब यार, जनता भ्रष्टाचार को, कहती शिष्टाचार।’’ उ.प्र. में लोकतंत्र का पर्व अपनी ऊँचाईयों पर है। नेता सभाओं में भ्रष्टाचार एवं विकास की लम्बी-चैड़ी बातें कर जनता को वायदों का लाॅलीपाॅप थमा रहे हैं। वहीं चुनावी आचार संहिता के नाम पर नेताओं पर अफसरशाही का डंडा चल रहा है तो कहीं चैकिंग के नाम पर हर जगह लूट तंत्र दिखाई दे रहा है। जिधर देखो लूट का खेल बेखौफ खेला जा रहा है। प्रत्याशी मीडिया के हाथों लुटते नजर आ रहे हैं तो जनता अफसर और पुलिस के आगे लुटने पर मजबूर नजर आ रही है। नेता चुनावों में व्यस्त हैं तो जनता अफसरशाही के सामने पस्त नजर आ रही है।