जब पुरुषों का खो-खो विश्व कप 2025इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम, नई दिल्ली शुरू हुआ, तो भारत ने न सिर्फ़ पहला मैच जीता, बल्कि पूरे टुर्नामेंट में दोहरी जीत कर अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवाया। विशेष रूप से फाइनल में 54-36 से नेपाळ को हराकर पुरुष एवं 78-40 से महिलाओं की टीम ने इतिहास रचा। इस जीत ने दूर‑दराज़ के 20 देशों को एक ही मंच पर लाकर भारतीय व्यायाम कला को वैश्विक मानचित्र पर बिखेर दिया।
खो-खो का इतिहास और विश्व कप का उदय
खो-खो, जो प्राचीन भारत में गाँव‑गाँव में खेला जाता था, 1970‑के दशक में राष्ट्रीय स्तर पर औपचारिक हुआ। 2021 में अंतरराष्ट्रीय खो-खो फेडरेशन (IKF) ने विश्व कप के आरोपित नियमों को मानकीकृत किया, और 2025 में पहली बार इस खेल को विश्व मंच पर लाया गया। भारत, जो इस खेल की जन्मभूमि कहता है, ने खो-खो विश्व कप 2025 आधिकारिक वेबसाइट के सहयोग से इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्रशिक्षण और प्रचार‑प्रसार में भारी निवेश किया।
टूर्नामेंट फॉर्मेट और समूह चरण की कहानियाँ
टूर्नामेंट चार समूह (A‑D) में बंटी थी, प्रत्येक में पाँच टीमें। प्रत्येक समूह में राउंड‑रॉबिन के बाद टॉप‑दो टीमें क्वार्टर‑फ़ाइनल में प्रवेश कर रही थीं। यहाँ कुछ रोचक आँकड़े हैं:
- समूह A में भारत ने पहले मैच में नेपाल को 42-37 से हराया, फिर ब्राज़ील को 64-34 से मात दी।
- समूह B में दक्षिण अफ्रीका ने नेदरलैंड्स को बमबारी करते हुए 122-14 से जीत दर्ज की – यह स्कोर अब तक का सबसे बड़ा अंतराल है।
- समूह C में बांग्लादेश ने साउथ कोरिया को 85-26 से मात दी, जिससे उनका पॉइंट डिफरेंस +288 तक पहुँच गया।
- समूह D में इंग्लैंड ने जर्मनी को 60-38 से हरा कर टॉप पर चढ़ा।
इन परिणामों के पीछे रणनीतिक बदलाव, तेज़ चेज़ और सटीक टैगिंग का संयोजन था। विशेषकर भारत की टीम ने दो‑तीन बार “डबल‑ट्रैप” तकनीक का उपयोग कर बड़े अंतर बनाए।
फ़ाइनल तक की रोमांचक राह और प्रमुख खिलाड़ी
क्वार्टर‑फ़ाइनल में भारत ने नेपाल को 54‑36 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। वहीँ महिला टीम ने भी नेपाळ को 78‑40 से मात दी, जिससे दोनों लिंगों में एक ही दिन दो विजयी वंदन हुए।
फाइनल में चमके दो नाम:
- Nasreen – महिला टीम की आक्रमण‑रोड पर तेज़ी और सटीकता का प्रतीक; उसने पाँच तेज़ टैग्स में 12 पॉइंट्स जोड़कर मैच का टेम्पो सेट किया।
- भारत के पुरुष टीम के कप्तान (नाम सार्वजनिक नहीं) – उन्होंने रक्षात्मक फॉर्मेशन को बदलते‑बदलते ‘डिफेंस‑ट्रांज़िशन’ को परिपूर्ण किया, जिससे टीम की सफलता का प्रतिशत बढ़ा।
नेपाळ की पुरुष टीम के लीड चेज़र ने शुरुआती इंट्री में शानदार जवाबी खेल दिखाया, पर अंत में भारत की निरंतर दबाव ने उन्हें पीछे धकेल दिया। महिलाओं की टीम में नेपाळ का डिफेंसिव एंकर शुरुआती ओवरटाइम में रोके नहीं जा सकने वाले हमलों को टालने में सफल रहा, पर आख़िरकार भारत की तेज़ी ने उन्हें पीछा नहीं छोड़ा।

विजेता भारत: क्या अर्थ है इस जीत का?
भारत की दोहरी जीत सिर्फ़ ट्रॉफी नहीं, बल्कि खेल‑पर्यटन, युवा विकास और अंतरराष्ट्रीय मान्यता के लिए बड़ी पूंजी है। सरकार ने इस टूर्नामेंट को ‘स्मार्ट स्पोर्ट्स इवेंट’ के रूप में बजट किया, जिससे स्थानीय होटलों, परिवहन और रेस्टोरेंट्स को औसत 35% अतिरिक्त राजस्व मिला। यह दिखाता है कि राष्ट्रीय खेलों को विश्व स्तर पर ले जाना आर्थिक विकास के साथ जुड़ा है।
इसके अलावा, युवा पीढ़ी को अब खो-खो को सिर्फ़ स्कूल‑प्लेयर नहीं, बल्कि प्रो‑एथलीट की राह मानने की प्रेरणा मिल रही है। कई राज्य शिक्षा बोर्डों ने अपनी पाठ्यक्रम में खो-खो को ‘भौतिक शिक्षा’ के उपविषय के रूप में शामिल किया है।
आगे क्या?
आगामी सालों में IKF ने 2027 के विश्व कप की प्रारम्भिक योजनाएँ बना ली हैं, जिसमें यूरोप और अफ्रीका के नए फ्रैंचाइज़ी शामिल हो सकते हैं। भारत को अब अपनी युवा अकादमी, प्रशिक्षकों की प्रमाणन और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रेफ़्री प्रशिक्षण पर ध्यान देना होगा, ताकि अगली बार भी वह ‘होस्ट‑एडवांटेज’ को बरकरार रख सके।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
खो-खो विश्व कप 2025 में भारत ने कौन‑सी टीमों को हराया?
भारत ने समूह‑स्तर पर नेपाल (42‑37) और ब्राज़ील (64‑34) को हराया, फिर क्वार्टर‑फ़ाइनल में नेपाळ को 54‑36 से मात देकर फाइनल तक पहुँचा। महिला टीम ने भी नेपाळ को 78‑40 से ध्वस्त किया।
टूर्नामेंट का फॉर्मेट क्या था?
चार समूह (A‑D) में प्रत्येक पाँच टीमें राउंड‑रॉबिन खेलीं। प्रत्येक समूह की टॉप‑दो टीमें नॉक‑आउट चरण में प्रवेश कर, क्वार्टर‑फ़ाइनल, सेमी‑फ़ाइनल और फ़ाइनल तक पहुँचीं।
खो-खो विश्व कप ने भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या असर डाला?
इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम के आसपास के होटल, टैक्सी और रेस्तरां व्यवसायों को लगभग 35% अतिरिक्त आय हुई। moreover, राज्य के खेल‑पर्यटन बजट में अगला वित्तीय वर्ष 7% वृद्धि की संभावना है।
महिला टीम के प्रमुख खिलाड़ी कौन थीं?
Nasreen ने आक्रमण में तेज़ी और सटीक टैग्स के साथ टीम को 78‑40 के बड़े अंतर से जीत दिलायी। उनका प्रदर्शन कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरित कर रहा है।
अगला खो-खो विश्व कप कब और कहाँ होगा?
इंटरनेशनल खो-खो फेडरेशन ने 2027 के विश्व कप के प्रारम्भिक प्रस्ताव के रूप में दक्षिण‑कोरिया या ब्राज़ील को संभावित होस्ट के तौर पर विचार किया है, पर अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।