img

Breaking News

  • LIVE : लखनऊ में बोले अमित शाह- CAA के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा, दंगे कराए जा रहे
  • गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो, शुक्रवार को पहुंचेगे दिल्ली

 

नई दिल्ली। 

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अगुवाई में विपक्षी दलों ने सोमवार को पार्लियामेंट एनेक्सी में बैठक की ताकि, सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ नागरिकता कानून, प्रस्तावित सिटीजन रजिस्टर और अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर उसे घेरा जा सके।

विपक्षी दलों की इस एकता को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब सोमवार की दोपहर बैठक से छह दलों ने किनारा किया। कांग्रेस की अगुवाई में हुई विपक्षी दलों की बैठक से शिवसेना, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का कोई भी नुमाइंदा शामिल नहीं हुआ। इस बैठक में एनसीपी, आरजेडी समेत 20 दलों के लोगों हिस्सा लिया।  

बैठक से ठीक पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इससे दूर रहने का फैसला किया। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी सरकार के खिलाफ राज्य में कांग्रेस और लेफ्ट के कैंपेन से नाराज हैं। पिछले हफ्ते उन्होंने भी यह साफ कर दिया था कि वे इस बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगी।

लेकिन, कांग्रेस को यह उम्मीद थी कि मायावती की बीएसपी और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से जरुर कोई प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होगा। मायावती ने विपक्षी दलों की बैठक में न जाने के फैसले से पहले कई ट्वीट किए। इन ट्वीट्स में मायावती ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि राजस्थान में गहलोत सरकार को बाहर से समर्थन देने के बावजूद उनके विधायकों को लालच दिया गया। मायावती ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी दलों की बैठक में इस परिस्थिति में जाने का मतलब होगा राजस्थान में पार्टी नेताओं के मनोबल का गिराना।