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Uttarakhand live | 09-02-2018
नैनीताल, हल्द्वानी।
बजट के अभाव में प्रदेश में विकास कार्यों पर ब्रेक लगा हुआ है। नवोदित राज्य लगातार कर्ज के बोझ के तले दबता जा रहा है। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि गले-गले कर्ज में डूबे प्रदेश के मुखिया रोजाना औसतन 22866 रुपये चाय-पानी में व्यय कर देते हैं। इस मद में पिछले दस माह के दौरान राज्य को 68.59 लाख रुपये का बोझ पड़ा है।
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी के अनुसार त्रिवेंद्र सिंह रावत के सीएम बनने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने 68,59,865 रुपये चाय-पानी में व्यय किए हैं। त्रिवेंद्र रावत ने पिछले साल 18 मार्च को मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया था। तब से 22 जनवरी 2018 (करीब दस माह) के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय ने उक्त राशि सीएम दफ्तर आने वाले लोगों के आतिथ्य में चाय-पानी सर्व करने में खर्च दी।
जाहिर है सीएम दफ्तर आम लोग काफी कम जाएंगे, ऐसे में यह राशि पार्टी नेताओं और सीएम के पिछलगू नेताजी की आवभगत पर खर्च हो गई। गरीब राज्य में 68.59 लाख रुपये चाय-पानी में खर्च देना आंखें खोल देने जैसा है। हल्द्वानी निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता हेमंत गौनिया ने मुख्यमंत्री कार्यालय से इस संबंध में सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी।
ऐसे समझे खर्च का गणित
आरटीआइ में मिली जानकारी के अनुसार 18 मार्च 2017 से 22 जनवरी 2018 तक दस माह का समय होता है। 68.59 लाख खर्च के लिहाज से महीने का 6.85 लाख बैठता है। दिन के हिसाब से देखें तो यह रकम 22866 होती है।