एक ऐसा शहर जो काम करता हो, जहां लोग साइकिल चला पाते हों, सड़कों पर पैदल चलने की जगह हो, पार्क हो, यातायात सुलझा हुआ हो। सड़कें और इमारतें योजनाबद्ध तरीके से बनी हों, शहरी और सार्वजनिक यातायात सुलभ हो। बिजली, पानी, इंटरनेट जैसे आम सुविधाओं की अबाध्य आपूर्ति हो। बाकी, साफ सफाई हो, शौचालय हो तभी हमारा शहर स्मार्ट बन सकता है।
-अनिकेत पांडे, सेक्टर 49 सैनिक कालोनी।
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स्मार्ट सिटी की शुरुआत हमें खुद से करनी होगी। यह एक ऐसा मामला है जिसमें सभी शहरवासियों की भागीदारी की आवश्यकता है। अकेले सरकार के करने से कुछ नहीं होगा। लोगों को चाहिए कि वह छोटी-छोटी शुरुआत करें। अगर कहीं कूड़ा पड़ा देखें तो उठाकर डस्टबिन में डालें। खुद भी कूड़ा यहां वहां डालने की बजाय डस्टबिन का प्रयोग करें। अगर शहर का प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझ ले तो फिर हमें स्मार्ट सिटी बनने से कोई नहीं रोक सकता।
-संध्या सैनी, सेक्टर-21डी
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फरीदाबाद एक ऐसा शहर है जहां तमाम संभावनाएं हैं। स्मार्ट सिटी के लिए हमें शहर को प्रदूषण मुक्त करना होगा। अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने होंगे। सभी सरकारी विभाग, स्कूल, कालेज व अन्य संस्थानों को चाहिए कि वे कागज की बर्बादी रोकें। पार्को को हम साफ रखें तथा उसे मेंटेंन करें। स्ट्रीट लाइट, सड़क सीवर जैसी समस्याओं का निपटारा प्रशासन करें और उन्हें दुरुस्त कराएं और हमारा फर्ज बनता है कि उसे ठीक रखें व अपने करों आदि का भुगतान समय पर करें।
-इकराम अल्वी, गांव धौज
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