भारत में हिट एंड रन मामलों की सजा क्या है?
भारत में हिट एंड रन मामलों की सजा अधिनियम 1988 के तहत निर्धारित होती है। इसमें चालक को कानूनी रूप से दुर्घटना की घटना को पुलिस और बीमा कंपनी को सूचित करना होता है। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसे जेल की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है। यदि दुर्घटना के कारण किसी की मृत्यु हो जाती है तो चालक को कम से कम दो वर्ष की जेल और न्यायिक निर्णय पर आधारित जुर्माना होता है। हालांकि, ये सजाएँ घटना की गंभीरता, चालक के पिछले रिकॉर्ड और कोर्ट के विचार पर आधारित होती हैं।